SHA-256 और MD5 में क्या अंतर है?
SHA-256 और MD5 दोनों ही Hashing Algorithms हैं, जिनका उपयोग किसी भी डेटा को एक फिक्स्ड साइज के यूनिक कोड (Hash) में बदलने के लिए किया जाता है। इन्हें आमतौर पर पासवर्ड सुरक्षा, डेटा वेरिफिकेशन, और डिजिटल सिग्नेचर जैसे कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है।
SHA-256 vs MD5: मुख्य अंतर
क्र.सं. | बिंदु | MD5 | SHA-256 |
---|---|---|---|
1️⃣ | पूरा नाम | Message Digest 5 | Secure Hash Algorithm 256 |
2️⃣ | हैश साइज | 128 बिट (16 बाइट्स) | 256 बिट (32 बाइट्स) |
3️⃣ | आउटपुट की लंबाई | 32 कैरेक्टर हेक्साडेसीमल | 64 कैरेक्टर हेक्साडेसीमल |
4️⃣ | सुरक्षा (Security) | कमज़ोर (Collision संभव है) | बहुत सुरक्षित (High Security) |
5️⃣ | स्पीड | तेज़ (Fast) | धीमा (Slow लेकिन सुरक्षित) |
6️⃣ | कॉलीजन की संभावना | ज्यादा | बहुत कम |
7️⃣ | प्रयोग (Usage) | फाइल वेरिफिकेशन, पुराने सिस्टम | पासवर्ड स्टोरेज, डिजिटल सिग्नेचर |
8️⃣ | एल्गोरिदम टाइप | क्रिप्टोग्राफिक हैश | क्रिप्टोग्राफिक हैश |
कॉलीजन का मतलब क्या है?
Collision का मतलब होता है जब दो अलग-अलग इनपुट का हैश आउटपुट एक जैसा हो जाए।
👉 MD5 में ऐसा आसानी से हो सकता है, जिससे सिक्योरिटी रिस्क बढ़ जाता है।
👉 SHA-256 में ऐसा होना लगभग असंभव है।
👉 MD5 में ऐसा आसानी से हो सकता है, जिससे सिक्योरिटी रिस्क बढ़ जाता है।
👉 SHA-256 में ऐसा होना लगभग असंभव है।
हैशिंग उदाहरण:
इनपुट: "hello"
👉 MD5 Output:
5d41402abc4b2a76b9719d911017c592
👉 SHA-256 Output:
2cf24dba5fb0a30e26e83b2ac5b9e29e1b161e5c1fa7425e73043362938b9824
निष्कर्ष (Conclusion)
- 🔐 MD5 अब सुरक्षित नहीं माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग कम किया जाता है।
- 🔐 SHA-256 ज्यादा सुरक्षित और विश्वसनीय है, खासकर जब पासवर्ड और संवेदनशील डेटा की सुरक्षा की बात हो।
- 🛡️ आजकल सभी आधुनिक सिस्टम में SHA-256 या bcrypt जैसे मजबूत एल्गोरिदम का प्रयोग किया जाता है।
👉 उम्मीद है आपको SHA-256 और MD5 के बीच का अंतर अच्छे से समझ में आया होगा।
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